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राजभाषा  के रूप में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए आईसीएआर-सीबा ने 14-20 सितंबर 2023 के दौरान हिंदी सप्ताह का आयोजन किया। सप्ताह के दौरान, हिंदी टिप्पण- प्रारूप लेखन, कविता और गीत गायन, आशु भाषण, शब्दावली, प्रश्नोत्तरी जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें सीबा के वैज्ञानिकों, कर्मचारियों और अनुसंधान विद्वानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उपरोक्त के अलावा, आधिकारिक कामकाज में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए “हिंदी प्रोत्साहन योजना” के तहत एक और प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी। इन प्रतियोगिताओं में कुल 143 प्रतिभागियों ने भाग लिया। संस्थान की गृह पत्रिका जल तरंग (अंक-8 ) का विमोचन माननीय केन्द्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री, भारत सरकार श्री परषोतम रुपाला जी एवं अन्य गणमान्य के उपस्थिति में हिन्दी दिवस के शुभ अवसर पर संस्थान के नवसारी केंद्र पर संपन्न हुआ।

समापन समारोह के दौरान श्रीमती कोमल श्योकंद, वरिष्ठ वित्त एवं लेखा अधिकारी ने क्विज प्रतियोतिता का संचालन किया जिसमें लगभग 105 प्रतिभागी ने भाग लिया. समापन समारोह 20 सितंबर, 2023 को आयोजित किया गया था जिसमें डॉ. ए. श्रीनिवासन, राजभाषा अधिकारी, दक्षिण रेलवे मुख्‍यालय, चेन्नई मुख्य अतिथि थे।  श्री नवीन कुमार झा,, प्रभारी अधिकारी, हिंदी सेल ने वर्ष 2022-23 के दौरान हिंदी सेल की उपलब्धियां प्रस्तुत कीं। श्री झा ने प्रतिभागियो को सूचित किया कि हिंदी सप्ताह के दौरान कार्यालय के फाईल संबंधी कार्य में लगभग 10% पत्राचार एवम टिप्पण में राजभाषा के प्रयोग में वृद्धि देखा गया.  इस अवसर पर संस्थान के   निदेशक डॉ. कुलदीप के. लाल ने वर्तमान गतिशील विश्व में हिंदी, क्षेत्रीय भाषा एवं अंग्रेजी के महत्व पर बल दिया। अध्यक्षीय भाषण में, निदेशक ने भारत की भाषाई विविधता और पूरे देश के संचार में हिंदी के महत्व पर टिप्पणी की।

अपने भाषण में मुख्य अतिथि ने कर्मचारियों को दैनिक कार्यालय कार्यों में हिंदी का यथासम्भव प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया। निदेशक महोदय एवम मुख्य अतिथि ने सीबा वार्षिक रिपोर्ट-2022 (हिंदी संस्करण) का विमोचन भी किया और विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए।  हिंदी सेल के सदस्य डॉ. एम. शशि शेखर, डॉ. सुजीत कुमार, डॉ. जे. रेमंड जानी एंजेल एवम कुंदन कुमार  आदि ने कार्यक्रमों के  संचालन में सक्रिय सहयोग किये। कार्यक्रम का समापन डॉ. प्रसन्न कुमार पाटिल एवं सदस्य, हिन्दी कक्ष के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।